गंगा दशहरा के पावन पर्व पर गंगा स्नान को कल्याणकारी माना गया है, जिससे व्यक्ति को मोक्ष मिलता है। प्राचीन काल में राजा सगर के 60,000 पुत्रों के उद्धार हेतु उनके वंशज भगीरथ ने कठोर तपस्या कर माँ गंगा को पृथ्वी पर अवतरित कराया, जिन्हें भगवान शिव ने अपनी जटाओं में धारण किया। शास्त्रों में कहा गया है, "गंगा गंगेति यो ब्रूयात् योजनानां शतैरपि। मुच्यते सर्वपापेभ्यो विष्णुलोकं स गच्छति॥" जिसका अर्थ है कि सैकड़ों योजन दूर से भी जो गंगा-गंगा कहता है, वह सब पापों से छूटकर विष्णुलोक को जाता है।