गणपति की कृपा से जीवन के सभी विघ्न और कार्यक्षेत्र की चुनौतियाँ दूर हो सकती हैं. नियमित रूप से भगवान गणेश की पूजा करने से केतु ग्रह से जुड़े सभी संकट समाप्त हो जाते हैं. वास्तु दोषों को दूर करने के लिए भी श्री गणेश की साधना को उत्तम उपाय माना गया है. ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, गणेश जी की पूजा से राहु-केतु की सभी समस्याओं का समाधान संभव है, विशेषकर केतु ग्रह के नियंत्रक भगवान गणेश ही माने जाते हैं. भगवान गणपति का मंत्र 'ओम गंग गणपतये नमः' या गणेश गायत्री का जप और रविवार को गणपति मंदिर में दुर्वा अर्पित करने से ग्रह जनित समस्याएं दूर होती हैं. संकट नाशन गणपति स्त्रोत का पाठ करने और आठ ब्राह्मणों को दान करने से शिक्षा और जीवन के मार्ग में आने वाली कठिनाइयां समाप्त होती हैं. घर के पूजा स्थान पर पीले रंग की गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर नित्य घी का दीपक जलाना और दुर्वा अर्पित करना शुभ फलदायी है. वास्तु दोष निवारण के लिए हर महीने गणपति सहस्त्र नामावली से सहस्त्रार्चन और धान का लावा अर्पित कर उसे गौ माता को खिलाना चाहिए. 'जीवन की ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका अंत गणपति की कृपा से ना हो' कलयुग में श्री गणेश की उपासना शीघ्र और निश्चित ही फलदायी है.