हिंदू धर्म में पितृ पक्ष के दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म और पिंडदान का विशेष महत्व है. बिहार के गया को इस कर्म के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान माना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम ने भी राजा दशरथ का पिंडदान यहीं किया था. गया में पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष और मुक्ति मिलती है, जिससे सात पीढ़ियों का उद्धार होता है. यहाँ आने वाले श्रद्धालु पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. विष्णु पुराण के अनुसार, गया को विष्णु का नगर और मोक्ष की भूमि कहा गया है, जहाँ स्वयं विष्णु पितृ देवता के रूप में मौजूद हैं.