पूजा में विभिन्न सामग्रियों का अपना विशेष महत्व होता है. दूर्वा चढ़ाने से वंश की वृद्धि की कामना की जाती है. शमीपत्र का उपयोग जीवन में समृद्धि लाता है और शनि, राहु, केतु जैसे ग्रह दोषों को समाप्त करता है. तुलसी मंजरी भगवान शिव को अर्पित की जाती है, जो पवित्रता का प्रतीक है. सोलह श्रृंगार, जिसमें सिंदूर और काजल शामिल हैं, सुहागिन स्त्रियों द्वारा अखंड सौभाग्य और बुरी नजर से बचाव के लिए चढ़ाए जाते हैं. इत्र जैसे सुगंधित द्रव्य अच्छे कर्मों से जीवन को महकाने का प्रतीक हैं.