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Acchi Baat: भजन को समय से पहले करना चाहिए, ताकि पहले ही भगवान की कृपा में आ जाएं

यह प्रवचन जीवन की क्षणभंगुरता और सांसारिक मोह-माया के भ्रम पर केंद्रित है. इसमें बताया गया है कि यह जीवन एक चार दिन के मेले के समान है, जहाँ कोई भी स्थायी साथी नहीं है. वक्ता कहते हैं, "संसार पूरा झूठ है, इसलिए गांठ बांध के सुन लो." यह स्पष्ट किया गया है कि भाई, बंधु, माता, पिता जैसे रिश्ते भी अंततः साथ नहीं देते. मृत्यु के बाद लोग मृतक के प्रति अपना व्यवहार बदल देते हैं, और तेरह दिनों के शोक के बाद सामान्य जीवन में लौट आते हैं. प्रवचन में इस बात पर जोर दिया गया है कि जब तक जीवन है, व्यक्ति को भजन और राम-नाम तथा राधा-नाम का स्मरण करना चाहिए. यह अवसर मिलने पर जतन करने का आह्वान किया गया है, अन्यथा बाद में पछतावा होगा. यह बताया गया है कि पिंजरे से पंछी के निकल जाने के बाद, यानी मृत्यु के बाद, कुछ भी नहीं किया जा सकता.