सावन की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है, जिसका विशेष महत्व है. इस दिन पूजा-पाठ करने से बिगड़े काम बन जाते हैं. इस बार हरियाली अमावस्या कई शुभ संयोगों के साथ आई है, जिसमें गुरु पुष्य नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है. यह माँ लक्ष्मी की कृपा और धन प्राप्ति के लिए बहुत शुभ माना जाता है. भोलेनाथ के साथ शुभ योग बन रहे हैं, जिससे गुरु बृहस्पति और माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने का सुनहरा मौका है. अयोध्या से लेकर काशी, हरिद्वार और प्रयागराज में लोग पवित्र नदियों में स्नान कर दान-पुण्य कर रहे हैं. दक्षिण भारत में इसे आदि अमावस्या कहते हैं. यह तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है.