ज्येष्ठ पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान, दान और मंत्र जाप का महत्व शास्त्रों में बताया गया है, जिससे ईश्वर की कृपा मिलती है। शास्त्रों के अनुसार, "पूर्णिमा पर किया हुआ गंगा स्नान, किया हुआ दान...सारे मनोरथ सिद्ध होते हैं।" इस दिन जल और फल ग्रहण करके उपवास रखने तथा सफेद वस्तुओं का दान करने से जीवन में शुभता का आगमन होता है।