असम का कामाख्या मंदिर देवी के 51 शक्तिपीठों में सबसे जागृत माना जाता है, जहां देवी की किसी मूर्ति की पूजा नहीं होती बल्कि मां अपने निराकार स्वरूप में विराजती हैं और यह स्थान तंत्र साधना का सर्वोच्च केंद्र है. मान्यता है कि साल में एक बार अंबुवाची पर्व के दौरान देवी रजस्वला होती हैं, जिससे गर्भगृह से लाल जल प्रवाहित होता है और ब्रह्मपुत्र का पानी भी हल्का लाल हो जाता है. इस स्थान को सृष्टि का गर्भद्वार कहा गया है. एक भक्त ने कहा कि 'सुप्रीम पावर है... ये सुप्रीम पावर एकदम कामक्का धाम में आएगा तो इसका सुप्रीम पावर उसको कुछ ना कुछ मिलेगा.'