scorecardresearch

Acchi Baat: जेल में हुआ भगवान का जन्म, वासुदेव ने पहुंचाया गोकुल, कंस की क्रूरता का अंत

राजा कंस ने अपने पिता को कारागार में डाल दिया था. कंस की बहन देवकी का विवाह वासुदेव से हुआ. विदाई के समय आकाशवाणी हुई कि देवकी का आठवां पुत्र कंस का काल होगा. कंस ने देवकी को मारने का विचार किया, लेकिन वासुदेव ने उसे रोका और वचन दिया कि वे अपनी सभी संतानें कंस को सौंप देंगे. कंस ने यह शर्त मान ली. देवकी और वासुदेव को एक पुत्र हुआ, जिसे वासुदेव ने कंस को सौंप दिया. कंस ने बालक को यह सोचकर छोड़ दिया कि उसका काल आठवां पुत्र है. नारद जी ने बताया कि देवताओं की गिनती में पहला भी आठवां हो सकता है और आठवां भी पहला हो सकता है. इसके बाद कंस ने देवकी के छह पुत्रों को मार दिया. सातवां गर्भ देवकी की कोख से रोहिणी की कोख में स्थापित हो गया.