कांवड़ यात्रा को अत्यंत पवित्र माना जाता है और इसके कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है. कांवड़ यात्रा में जल भरकर भगवान शिव को अर्पित करने वालों की हर बाधा दूर होती है. भगवान शिव को गंगाजल अत्यंत प्रिय है और कांवड़ की परंपरा अनादि काल से चली आ रही है. महादेव को गीत, नृत्य और वाद्य यंत्र भी प्रिय हैं, इसलिए कांवड़िए भजन गाते हुए आते हैं. कांवड़ उठाने वालों पर भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होते हैं, जिससे मनोकामनाएं पूरी होती हैं.