देश और दुनिया ने रात में चंद्रग्रहण की अद्भुत खगोलीय घटना देखी. यह साल का अंतिम चंद्रग्रहण था, जो रात करीब 9:58 पर शुरू होकर देर रात 1:26 पर समाप्त हुआ. दिल्ली और बेंगलुरु सहित भारत के अधिकांश हिस्सों में यह दिखाई दिया. इसी बीच पितृपक्ष भी शुरू हो चुका है. चंद्रग्रहण के बाद सुबह मंदिरों में भारी भीड़ देखने को मिली. काशी, हरिद्वार और प्रयागराज जैसी पवित्र नगरी में भक्तों ने मोक्षदायिनी गंगा में डुबकी लगाई. भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया गया और पितरों का तर्पण किया गया. बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान और दान के कार्यक्रम में शामिल हुए.