प्रस्तुत कथा में भगवान भोले बाबा महादेव के अद्भुत स्वरूप और उनकी लीलाओं का वर्णन किया गया है. बताया गया है कि कैसे उन्होंने विषपान कर नीलकंठ कहलाए और सांप, बिच्छू, भूत-प्रेतों को अपना परिवार बनाया. कथा में भगवान राम की महिमा और छत्तीसगढ़ से उनके विशेष संबंध पर भी प्रकाश डाला गया है. छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल बताया गया है, जहां माता कौशल्या का एकमात्र मंदिर चंद्रखुरी में स्थित है. इस मंदिर में भगवान राम अपनी जननी माता कौशल्या की गोद में विराजमान हैं.