माता जानकी की जन्मस्थली का महत्व आज के दिन विशेष है. यह वह स्थान है जहाँ भक्ति की उत्पत्ति हुई. इस पवित्र स्थल का वास्तविक नाम पुण्य उर्वरा था, जो समय के साथ पुनौरा के नाम से जाना जाने लगा. यह वही मिथिला क्षेत्र है जहाँ एक बार सूखे की स्थिति उत्पन्न हुई थी. संतों के कहने पर महाराज जनक ने स्वयं हल चलाया. रावण ने ऋषियों से कर लेना चाहा और जब उन्हें कुछ नहीं मिला तो उसने ऋषियों का रक्त ले लिया. नारद जी ने रावण को बताया कि यही रक्त उसके विनाश का कारण बनेगा. देखिए ये पूरी रिपोर्ट.