उज्जैन को मंदिरों का शहर कहा जाता है, जहाँ महाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल पर नागचंद्रेश्वर मंदिर स्थित है. यह मंदिर वर्ष में केवल एक बार नागपंचमी के दिन ही खुलता है. मान्यता है कि यहाँ दर्शन करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है. नागचंद्रेश्वर मंदिर में भगवान शिव अपने पूरे परिवार के साथ नागों की शैय्या पर विराजमान हैं, जो इसे दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर बनाता है. नागपंचमी के महापर्व पर यहाँ आस्था का सैलाब उमड़ता है और लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुँचते हैं.