पद्मा एकादशी का व्रत भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है. पौराणिक मान्यता है कि इस व्रत की गाथा श्री कृष्ण ने अर्जुन को बताई थी. इस व्रत को करने से अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य फलों की प्राप्ति होती है. पद्मा एकादशी को परिवर्तनीय एकादशी, पार्श्व एकादशी और जयंती एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु करवट लेते हैं.