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Pitru Dosh: बिना कुंडली कैसे पहचानें लक्षण? दूर करने के महाउपाय! जानिए

यह रिपोर्ट पितृ दोष से जुड़ी जानकारी प्रस्तुत करती है, जिसमें बताया गया है कि यदि आपकी कुंडली नहीं है, तो भी कुछ संकेतों से आप पितृ दोष को समझ सकते हैं. शास्त्रों के अनुसार, पितृ दोष के कई लक्षण हैं, जैसे पति-पत्नी के संबंधों में समस्या, संतान प्राप्ति में बाधा, घर में कलह, कोर्ट-कचहरी के मामले, और भोजन में बाल या कीड़े निकल आना. ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, सुबह उठने के बाद परिवार में अचानक कलह, विवाह में बाधा, बार-बार चोट लगना या दुर्घटनाएं, मांगलिक कार्यों में विघ्न, और मेहमानों का आना बंद होना भी पितृ दोष के संकेत हो सकते हैं. पितृ दोष दूर करने के लिए महाउपाय बताए गए हैं. हर अमावस्या पर पूर्वजों के नाम से लोगों को दवा, वस्त्र या भोजन का दान करें. हर बृहस्पतिवार और शनिवार की शाम पीपल की जड़ में जल अर्पण कर सात परिक्रमा करें. शुक्ल पक्ष के रविवार सुबह भगवान सूर्य को जल में गुड़, लाल फूल, रोली आदि डालकर अर्पण करें. माता-पिता और बुजुर्गों के चरण स्पर्श करें. पितृपक्ष के दौरान शांत चित्त से पितरों का तर्पण और श्राद्ध कर्म करने से उन्हें मुक्ति मिलती है और तर्पण करने वालों के लिए भी मोक्ष के द्वार खुलते हैं. मान्यता है कि "पितृ का आशीर्वाद हो तो कुंडली का हर दोष होगा दूर, पूर्वजों को करें खुश, पितृ दोष होगा दूर" ये उपाय लाभकारी होते हैं, जिनसे किस्मत के दरवाजे खुलते हैं और पितरों की कृपा मिलती है.