पितृ पक्ष शुरू हो चुका है. इस दिन पूर्वजों और पितरों को याद किया जाता हैं. कामना की जाती है कि पितरों का आशीर्वाद हमेशा बना रहे. पितरों को विधिपूर्वक जल से तृप्त करते हैं तो उसे तर्पण कहते हैं. जब हम अपने पितरों की तृप्ति के लिए उन्हें श्रद्धापूर्वक भोजन अर्पित करते हैं, वह श्राद्ध कहलाता है. पंडित शैलेंद्र पांडेय बता रहे हैं पितृपक्ष का महत्व और उसका विधि विधान.
Pandit Shailendra Pandey explains pitru paksha its rituals and also talk about how to do shradh and pind daan