पितृपक्ष पूर्वजों के प्रति श्रद्धा, प्रेम और समर्पण का महापर्व है। इन दिनों पिंडदान, तर्पण और ब्राह्मण भोज से पितृगण तृप्त होते हैं। मान्यता है कि श्राद्ध और तर्पण से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से जीवन की तमाम परेशानियां समाप्त हो जाती हैं। पितृपक्ष में तर्पण और श्राद्ध करते समय कुछ सावधानियां भी जरूरी हैं, जैसे केवल एक वेला सात्विक भोजन ग्रहण करना और हल्की सुगंध वाले सफेद पुष्प अर्पित करना। दक्षिण दिशा की ओर मुख करके तर्पण और पिंडदान करना चाहिए।