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Pitru Paksha 2025: मुक्ति मोक्ष के द्वार, दूर होगी हर नेगेटिविटी, घर में आएगी समृद्धि

पितृपक्ष के 15 दिन पूर्वज धरती पर किसी ना किसी रूप में आते हैं, इसलिए इन दिनों में श्राद्ध कर्म का विशेष महत्त्व है. पितृदोष को दूर करने और घर की हर नकारात्मकता को समाप्त करने के लिए कई महाउपाय बताए गए हैं. नित्य प्रातःकाल सूर्योदय के पूर्व स्नान करके भगवान सूर्य देवता को जल अर्पित करने का विधान है. सूर्यनारायण से पितृ पूर्वजों के मोक्षप्राप्ति और आयु, आरोग्य, ऐश्वर्य के आशीर्वाद की प्रार्थना की जाती है. जिनके पितृ पूर्वज नहीं हैं, वे इन 15 दिनों में नित्य तिलोदक तर्पण कर सकते हैं अथवा पितरों के नाम से दक्षिण दिशा में जल, गो ग्रास, पंचबली इत्यादि निकाल सकते हैं. घर में पितृ निमित्तिक होम और तिल का हवन करने का भी उल्लेख है. शनिवार के दिन अन्न वस्त्र का दान करना शनि और अन्य ग्रहों की पीड़ा से बचाता है. नियमित रूप से पितरों के लिए भोजन निकालकर कौए को अर्पित करने की बात कही गई है. विष्णु भगवान की पूजा, भागवत पाठ या गीता का पाठ करने से पितृ तृप्त होते हैं और उनकी त्रुटियां समाप्त होती हैं. घर की नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने के लिए नमक मिले हुए पानी का पोछा लगाने और शनिवार को मुख्य द्वार पर सरसों के तेल का दीपक जलाने जैसे उपाय भी बताए गए हैं. कहा गया है कि 'पितरों और पितृपक्ष से जुड़ी समस्याएं जब होंगी दूर तो जीवन में खुशियां बरसेंगी भरपूर'