पितृपक्ष का समय पितरों को याद करने और उनके लिए विशेष कार्य करने का है. इस दौरान देश भर के घाटों और मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु देखे गए. लोग अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान से जुटे हुए हैं. पितृपक्ष के पावन अवसर पर देशभर में पवित्र नदियों में डुबकी लगाई जा रही है. धर्मनगरी हरिद्वार से लेकर रामनगरी अयोध्या तक, लोग पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने, उनका तर्पण करने और पिंडदान करने के लिए पहुंच रहे हैं. इसका उद्देश्य यह है कि पितृ प्रसन्न हों और जीवन में खुशहाली का वरदान दें. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, जिसमें पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त की जाती है. श्रद्धालु मानते हैं कि इन अनुष्ठानों से परिवार में सुख-समृद्धि आती है.