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Premanand Maharaj के बयान पर बवाल: 'सौ में सिर्फ चार महिलाएं' पर छिड़ी बहस

प्रेमानंद महाराज के एक बयान पर समाज के सभी वर्गों से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. उन्होंने कहा कि "सौ में सिर्फ चार महिलाएं ही सही होंगी". इस बयान पर महिलाओं ने अपनी राय दी है. उनका मानना है कि यह सामान्यीकरण गलत है और सभी महिलाओं को एक साथ नहीं देखा जाना चाहिए. कुछ महिलाओं ने कहा कि साधु-संतों को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए क्योंकि इससे समाज में अच्छा संदेश नहीं जाता. चर्चा के दौरान यह भी सवाल उठा कि क्या धर्मगुरुओं को समस्याओं का समाधान देना चाहिए या केवल उन्हें उजागर करना चाहिए. एक प्रतिभागी ने कहा, "हमारी बच्चियों को किवाड़ो में बंद कर देंगे और फिर से आप उन्हें 1947 से भी पहले वाली सोच में धकेल देंगे?" इस बहस में अनिरुद्धाचार्य के पूर्व के बयानों का भी जिक्र हुआ, जिनमें उन्होंने विवाह से पहले के संबंधों और लिव-इन रिलेशनशिप पर टिप्पणी की थी. पैनलिस्टों ने समाज में बढ़ती अस्थिरता, भौतिकवाद और रिश्तों में आ रही समस्याओं पर चिंता व्यक्त की. महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक समानता पर जोर दिया गया, और यह तर्क दिया गया कि समाज को पुरानी रूढ़िवादी सोच से बाहर निकलना चाहिए.