सावन के आखिरी सोमवार पर रुद्राभिषेक पूजा का विशेष महत्व है. इस पूजा में विभिन्न सामग्री जैसे आभूषण, सुगंधित द्रव्य, सिंदूर, धूप, दीप, नैवेद्य, फल और धतूरा अर्पित किए जाते हैं. सिंदूर को अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है और इसे हनुमान व गणेश जी के साथ शिव जी को भी अर्पित किया जाता है, खासकर जब माता पार्वती साथ में हों. इत्र की खुशबू जीवन में अच्छे कर्मों की महक का प्रतीक है, जबकि धूप के धुएं से भगवान के अंगों तक प्रार्थना पहुंचती है. दीप प्रकाश का प्रतीक है और फल देवों की प्रसन्नता तथा दुखों के नाश के लिए चढ़ाए जाते हैं. धतूरा जीवन से विषैली चीजों को नष्ट करने का प्रतीक है. नारियल चढ़ाने से संपूर्ण सामग्री अर्पित हो जाती है. "भगवान बोले हैं, आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं लेकिन फिर भी अगर आपकी कोई मनोकामना है और सावन के आखिरी सोमवार पर आप इस तरीके से पूजा करना चाहते हैं तो आप जरूर कीजिए" यह पूजा विधि मनोकामना पूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है.