नैमिषारण्य में शौनकादि ऋषियों ने श्री सूत जी से कलयुग में मनोवांछित फल प्राप्ति का सरल उपाय पूछा. श्री सूत जी ने बताया कि यही प्रश्न देवर्षि नारद ने भगवान विष्णु से किया था, जिस पर श्रीहरि ने सत्यनारायण व्रत का विधान बताते हुए कहा, "यह सत्यनारायण भगवान का व्रत दुख, शोक आदि का शमन करने वाला है, धन धान की वृद्धि करने वाला है." यह व्रत शीघ्र ही संसार के समस्त सुखों को देकर परलोक में मोक्ष प्रदान करता है.