सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है. श्रद्धालु महादेव को प्रसन्न करने के लिए बेल पत्र, फूल माला, दूध, दही, पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक कर रहे हैं. यह भी बताया गया कि भगवान शिव को तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए. सुबह 5 बजे से जल चढ़ाना शुरू हो जाता है. श्रीबब्बू मेमोरियल ट्रस्ट ने मंदिर बंद होने का समय 4 बजे से बढ़ाकर 4:30 बजे तक कर दिया है. दिन में दो अभिषेक होते हैं और 4:30 बजे के बाद महाश्रृंगार और महाआरती होती है. इस श्रृंगार में विशेष फूलों का उपयोग किया जाता है जो बाहर से आते हैं. यह सिलसिला पूरे सावन महीने चलेगा.