आज सावन शिवरात्रि का पावन पर्व है। इस दिन भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व है। शिव पुराण में बताया गया है कि सावन में गंगाजल से भगवान को अर्पित करने से कई महायज्ञों के पुण्य प्राप्त होते हैं। आज के ही दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान शंकर ने हलाहल विष का पान किया था, जिससे उनका कंठ नीला पड़ गया और वे नीलकंठ कहलाए।