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Sawan Somwar 2025: सावन का तीसरा सोमवार आज, जानें जलाभिषेक और पूजा का शुभ मुहूर्त

सावन का पावन महीना चल रहा है और आज सावन का तीसरा सोमवार है. मान्यता है कि सावन के तीसरे सोमवार को शिव के तीन स्वरूपों की पूजा प्रदोषकाल में करने से साधक के सभी कष्टों का अंत हो जाता है. इस दिन शिव साधना से ग्रह बाधा का अंत होता है और भक्तों के जीवन की सभी समस्याओं का समाधान होता है. भगवान शिव की पूजा में जल विशेष प्रिय है, शास्त्रों में वर्णन है कि 'अलंकारप्रिय विष्णु जलधारा शिवप्रिय'. पंचोपचार पूजन के साथ जल अवश्य रखकर भगवान शिव का पूजन करना चाहिए. महादेव के नीलकंठ स्वरूप की उपासना से शनि, राहु, केतु जनित पीड़ा और तंत्र-मंत्र का असर नहीं होता. समुद्र मंथन से निकले हलाहल विष को पीकर शिवजी का कंठ नीला हो गया, तभी से वे नीलकंठ कहलाए. यह दिन विवाह संबंधी अड़चनों और प्रेम विवाह में संकट दूर करने के लिए भी अद्भुत संयोग बनाता है.