शास्त्रों में विभिन्न कामनाओं की पूर्ति हेतु अलग-अलग प्रकार के दीपक जलाने का विधान है। पूजा में 'घी का दीपक देवों की कृपा दिलाता है तो सरसों के तेल का दीपक शत्रुओं का नाश करता है।' शनिदेव, राहु, कुलदेवता और अन्य देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए विशिष्ट तेलों और भिन्न-भिन्न संख्या में बातियों का प्रयोग बताया गया है, जिससे सुख-समृद्धि व संकट निवारण होता है।