scorecardresearch

Acchi Baat: व्यर्थ की चीज़ों के बारे में सोचना बंद करें.. लेकिन कैसे करें जानिए धीरेंद्र शास्त्री से

एक संवाद में, जीवन से व्यर्थ बातों, सोच और वस्तुओं की चिंता को हटाने का आग्रह किया गया. हनुमान जी के चरित्र का संदर्भ देते हुए समझाया गया कि कैसे तनावों से दूर रहकर सम्मान पाया जा सकता है, जैसा कि हनुमान जी ने लंका में विभिन्न परिस्थितियों के मध्य भी किया. वक्ता ने कहा, 'कल की चिंता मत करो और पीछे की सोचो मत, आज अभी एन्जॉय करो,' और यह भी बताया कि दूसरों को आदर देने, कम बोलने, निंदा न करने तथा उचित संगति में रहने से सम्मान प्राप्त होता है.