सनातन धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है. इसे पवित्र और औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है. तुलसी को साक्षात लक्ष्मी की कृपा और विष्णु प्रिया कहा गया है. श्रावण मास में जो व्यक्ति अपने घर में तुलसी का पौधा लगाकर प्रतिदिन दीपदान करता है, उसे नारायण और लक्ष्मी दोनों की कृपा प्राप्त होती है. तुलसी का पौधा किसी भी बृहस्पतिवार को घर या आंगन के बीच में या सोने के कमरे की बालकनी में लगाया जा सकता है. सुबह तुलसी में जल डालकर परिक्रमा करनी चाहिए और शाम को घी का दीपक जलाना उत्तम होता है. तुलसी के पत्ते हमेशा प्रातःकाल ही तोड़ने चाहिए और भगवान विष्णु तथा उनके अवतारों को अर्पित करने चाहिए. भगवान गणेश और माँ दुर्गा को तुलसी अर्पित नहीं की जाती है. तुलसी के पत्ते कभी बासी नहीं होते और पुराने पत्तों को भी पूजा में प्रयोग किया जा सकता है. ऐसा माना जाता है कि जिन घरों में तुलसी का पौधा लगाया जाता है, वहां सुख, शांति और समृद्धि आती है और आसपास का वातावरण भी शुद्ध हो जाता है. धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि तुलसी के पौधे के दर्शन मात्र से सभी पापों का नाश हो जाता है.