उज्जैन में महाकाल को ही राजा माना जाता है और वे ही यहाँ की जनता के रक्षक हैं. मान्यता है कि विक्रमादित्य के शासन के बाद उज्जैन में कोई भी राजा रात भर नहीं रुका. जिसने भी ऐसा दुस्साहस किया, उस पर काल का साया हावी रहा. महाकालेश्वर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और यह एकमात्र दक्षिण मुखी ज्योतिर्लिंग है.