यह मंदिर भगवान शिव और माँ पार्वती के अलौकिक स्वरूप के लिए जाना जाता है। मान्यता है कि महादेव और माँ पार्वती नंदी पर विराजमान होकर इसी स्थान पर आए थे। इस मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग के बजाय माँ गौरा और भगवान शिव का साकार स्वरूप दिखता है। यहाँ भगवान शिव को दूल्हा और माँ पार्वती को दुल्हन के रूप में नंदी पर विराजमान दिखाया गया है।