सावन का महीना आते ही देशभर में भोले के भक्तों का उत्साह चरम पर है. धर्मनगरी हरिद्वार में हर की पैड़ी कांवड़ियों से गुलजार है, जहां दूर-दूर से शिव भक्त गंगाजल लेने पहुँच रहे हैं. उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल और जम्मू कश्मीर समेत कई राज्यों से कांवड़िए अपने-अपने इलाकों के शिव मंदिरों में महादेव का जलाभिषेक करने के लिए हरिद्वार आ रहे हैं. इस बार की कांवड़ यात्रा में आस्था के साथ-साथ कई अनोखे रंग भी देखने को मिल रहे हैं. जहां कुछ कांवड़िए भारी-भरकम कांवड़ लेकर चल रहे हैं, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो भक्ति के साथ अपने फर्ज और मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए कठिन सफर कर रहे हैं. बागपत के अशोक कुमार 212 किलोमीटर की दंडवत कांवड़ यात्रा पर निकले हैं. वे अपने गंभीर बीमारी से जूझ रहे दोस्त की जिंदगी की दुआ मांगने के लिए यह यात्रा कर रहे हैं. इसके अलावा, मेरठ के नौ युवकों की एक टोली पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए 151 लीटर गंगाजल लेकर पैदल मेरठ तक जा रही है. मेरठ में एक और अनूठी कांवड़ तैयार की गई है, जिसे 'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम दिया गया है. यह कांवड़ भारतीय सुरक्षा बलों की कार्रवाई और देशभक्ति की भावना को समर्पित है. इस कांवड़ को बनाने वालों का कहना है, "हमने इस कांवड़ को ऑपरेशन सिंदूर के ऊपर बनाया है, जो ये पहलगाव में अटैक हुआ था, उसके ऊपर जो ऑपरेशन सिंदूर रखा गया था तो उसकी वजह से हमने हिंदू मुस्लिम का एकता दिखाने के लिए इस कांवड़ को बनाया" कांवड़ यात्रा अब केवल धार्मिक भावनाओं तक सीमित नहीं रही है, बल्कि इसके जरिए लोग सामाजिक संदेश और जागरूकता भी फैला रहे हैं.