यह प्रवचन जीवन में मूल्य को पहचानने के महत्व पर प्रकाश डालता है, जैसे किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति को न पहचान पाने का दृष्टांत. इसमें हनुमान चालीसा की चौपाइयों के गहरे अर्थ को समझने की महिमा बताई गई है. वक्ता ने स्पष्ट किया कि सच्चा अपना वही है जो आपकी तबियत पूछे, वसीयत या हैसियत नहीं. प्रवचन का मुख्य बिंदु मन की शुद्धि है, जिससे सिद्धि, प्रसिद्धि और प्रबुद्धि प्राप्त होती है.