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Ganesh Utsav: गणेश के प्रथम पूज्य होने का क्या है आध्यात्मिक महत्व, शिव-पार्वती विवाह से पहले उनकी पूजा क्यों है जरूरी?

भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देव माना जाता है, जो बाधाओं को दूर करते हैं और ज्ञान-बुद्धि प्रदान करते हैं. उनके बड़े नेत्र, कान और पेट विनम्रता, विवेक और रहस्यों को गुप्त रखने का प्रतीक हैं. उनकी पूजा से अहंकार, क्रोध जैसे नकारात्मक भावों का नाश होता है. सनातन संस्कृति में हर शुभ कार्य से पहले गणपति का आह्वान अनिवार्य है. एक बड़ा रहस्य यह है कि भगवान शिव और माँ पार्वती के विवाह में भी गणेश जी की विधिवत पूजा हुई थी.