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रत्नागिरी में छह न्यूक्लियर पावर रिएक्टर स्थापित करने को मिली मंजूरी, कुल 9,900 मेगावाट का होगा उत्पादन

पिछले सात वर्षों में स्थापित परमाणु ऊर्जा क्षमता 40% से अधिक की वृद्धि के साथ, 4,780 मेगावाट से बढ़कर 6,780 मेगावाट हो गई. उन्होंने कहा कि सरकार ने कलपक्कम में बनने वाले एफबीआर-1 और 2 की परियोजना पूर्व गतिविधियों के लिए 250 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.

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हाइलाइट्स
  • परमाणु ऊर्जा क्षमता में 40% से अधिक की वृद्धि

  • 30 नवंबर तक परियोजना की प्रगति 32%

  • 755 अरब यूनिट बिजली का हो चुका है उत्पादन

चाहे कोई भी इंडस्ट्री हो, भारत इन दिनों हर उद्योग में सफलता के नए आयाम गढ़ रहा है. इसी कड़ी में केंद्र ने फ्रांस के साथ तकनीकी सहयोग में, सरकार ने 1,650 मेगावाट के छह न्यूक्लियर पावर रिएक्टर स्थापित करने के लिए महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के जैतापुर साइट के लिए 'सैद्धांतिक' मंजूरी दे दी है. यह इसे 9,900 मेगावाट की कुल क्षमता के साथ सबसे ज्यादा न्यूक्लियर पावर जनरेट करने वाली साइट बना देगा. गुरुवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, परमाणु ऊर्जा मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान में परियोजना के लिए फ्रांसीसी मल्टीनेशनल इलेक्ट्रिक यूटिलिटी कंपनी ईडीएफ के साथ तकनीकी-वाणिज्यिक चर्चा प्रगति पर है.

परमाणु ऊर्जा क्षमता में 40% से अधिक की वृद्धि

परमाणु ऊर्जा क्षमता पर, मंत्री ने बताया कि भारत में वर्तमान में स्थापित परमाणु ऊर्जा क्षमता 6,780 मेगावाट है और 2020-21 में कुल बिजली उत्पादन में परमाणु ऊर्जा की हिस्सेदारी 3.1% है. पिछले सात वर्षों में स्थापित परमाणु ऊर्जा क्षमता 40% से अधिक की वृद्धि के साथ, 4,780 मेगावाट से बढ़कर 6,780 मेगावाट हो गई. उन्होंने कहा कि सरकार ने कलपक्कम में बनने वाले एफबीआर-1 और 2 की परियोजना पूर्व गतिविधियों के लिए 250 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.

30 नवंबर तक परियोजना की प्रगति 32%

मंत्री ने यह भी बताया कि तमिलनाडु में पीएसयू न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) द्वारा कार्यान्वित कुडनकुलम न्यूक्लिअर पावर प्लांट (केकेएनपीपी) 3 और 4 (2X1000 मेगावाट) परियोजना इकाइयों ने इस साल नवंबर तक 54.9% की प्रगति हासिल की है. फास्ट रिएक्टर फ्यूल साइकल फैसिलिटी (FRFCF) परियोजना वर्तमान में परमाणु रीसायकल बोर्ड, BARC और परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा चलाई जा रही है. 30 नवंबर तक परियोजना की प्रगति 32% है और दिसंबर 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है.

755 अरब यूनिट बिजली का हो चुका है उत्पादन

उन्होंने कहा कि न्यूक्लियर पावर प्लांट ने अब तक लगभग 755 अरब यूनिट बिजली का उत्पादन किया है, जिससे लगभग 650 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन की बचत हुई है. एक दिन पहले लोकसभा में उठाए गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, मंत्री ने कहा कि भारत को स्थायी रूप से लंबे समय तक सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक स्वदेशी तीन-चरणीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का अनुसरण कर रहा है. इसके अलावा, विदेशी सहयोग पर आधारित लाइट वाटर रिएक्टर भी स्वच्छ बिजली उपलब्ध कराने के लिए अतिरिक्त सुविधाओं के रूप में स्थापित किए जा रहे हैं.