
उत्तर प्रदेश की धरती फिर इतिहास रचने जा रही है. लखनऊ के लाल, भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, अब अंतरिक्ष की यात्रा पर निकलने को तैयार हैं. 8 जून को वह Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की ओर रवाना होंगे. यह सिर्फ एक उड़ान नहीं— यह भारत की उम्मीदों, उत्तर प्रदेश की मिट्टी और हर उस माता-पिता के सपनों की उड़ान है, जो अपने बच्चे को आसमान छूते देखना चाहते हैं.
लखनऊ का लाल, करेगा कमाल-
आज हम बात करने जा रहे हैं उस बेटे की, जिसने उत्तर प्रदेश की मिट्टी में जन्म लेकर अंतरिक्ष की ऊंचाइयों तक पहुंचने का सपना न सिर्फ देखा, बल्कि उसे सच भी कर दिखाया. लखनऊ के लाल, भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 8 जून को Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की ओर रवाना होंगे.
यह मिशन NASA द्वारा संचालित है, और शुभांशु इसमें भाग लेने वाले चुनिंदा अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल हैं. यह पल न सिर्फ लखनऊ के लिए, न सिर्फ उत्तर प्रदेश के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण है.
लखनऊ में हुई शुरुआती पढ़ाई-
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की गलियों में खेला एक बालक आज अंतरिक्ष में भारत की पहचान बनने जा रहा है. शुभांशु शुक्ला की शुरुआती पढ़ाई सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में हुई. सिर्फ 16 साल की उम्र में उनका चयन NDA में हुआ और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अब 2025 में, वही बेटा Axiom-4 मिशन के ज़रिए भारत का नाम अंतरिक्ष में रोशन करेगा.
शुभ्रांशु के पिता ने क्या कहा-
शुभ्रांशु शुक्ला के पिता श्री शंभू दयाल शुक्ला ने कहा कि हमें यह जानकर बहुत गर्व हो रहा है कि हमारा बेटा अब अंतरिक्ष में जा रहा है. शुभांशु ने पहले हमें नहीं बताया, लेकिन जब यह पता चला, तो यकीन नहीं हुआ. प्रधानमंत्री मोदी से मिलना और फिर गगनयान जैसे मिशन में चुना जाना, हमारे लिए यह सपने से कम नहीं. हम मोदी जी और योगी जी दोनों का धन्यवाद करते हैं.
मैं कहती थी कि तेरा सलेक्शन होगा- मां
शुभ्रांशु की मां आशा शुक्ला ने कहा कि मुझे तो हमेशा लगता था कि यह अंतरिक्ष में जाएगा. मैं थोड़ी एस्ट्रोलॉजी जानती हूँ और मैंने कई बार उससे कहा कि तेरा सलेक्शन होगा बेटा. लेकिन वह हँसकर कहता था, हर माँ यही कहती है. अब जब वह जा रहा है, तो मैं खुद को रोक नहीं पाती, बहुत गर्व होता है.
दोस्त ने दिया था NDA का फॉर्म-
शुभांशु का NDA में चयन भी एक संयोग जैसा था. खुद उन्होंने नहीं, बल्कि एक दोस्त ने उन्हें फॉर्म लाकर दिया था. बिना घर बताए फॉर्म भर दिया और सलेक्शन हो गया. जब खबर आई, तो सबसे पहले उसी दोस्त ने शुभांशु की मां को बताया.
भाई पर गर्व- बहन
शुभांशु की बहन सुचि मिश्रा का कहना है कि 40 साल बाद एक भारतीय फिर अंतरिक्ष की उड़ान भरने जा रहा है. यह सिर्फ देश का नहीं, हमारे परिवार का भी सबसे बड़ा गर्व है. हम सोच भी नहीं सकते थे कि मेरा भाई ऐसा करेगा पर वह कर दिखाया.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर शुभकामनाएँ दीं. उन्होंने लिखा कि प्रभु श्रीराम की धरती से अंतरिक्ष की ओर... उत्तर प्रदेश के लाल, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ल को ऐतिहासिक #Axiom4 मिशन के लिए शुभकामनाएँ!
आज हम सबके लिए यह क्षण सिर्फ ख़बर नहीं यह एक प्रेरणा है. एक सबक है कि अगर इरादे बुलंद हों, तो लखनऊ की गलियों से उठकर कोई बेटा NASA के मिशन तक पहुँच सकता है. शुभांशु शुक्ला सिर्फ एक नाम नहीं एक मिशन हैं, एक सपना हैं, एक उम्मीद हैं. उनकी यह यात्रा हर भारतीय के दिल में जोश भर देती है.
(अंकित मिश्रा की रिपोर्ट)
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