
चीन स्वर्ग की खोज पर निकल पड़ा है. जी हां, हैरान मत होइए, ये 100 फीसदी सच है. स्पेस में अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने के लिए चीन ने पहला लैब मॉड्यूल वेंटियन लॉन्च किया है. वेंटियन का मतलब स्वर्ग की खोज होता है. दरअसल अंतरिक्ष में अपना स्पेस स्टेशन बनाने के लिए चीन तीन मॉड्यूल लॉन्च करने पर काम कर रहा है. जिसमें से कोर मॉड्यूल पहले ही लॉन्च हो गया है. जबकि पहला लैब मॉड्यूल अब लॉन्च हुआ है. इसके बाद दूसरा लैब मॉड्यूल लॉन्च होगा. हालांकि अभी उसकी तारीख तय नहीं है. चीन ने स्पेस स्टेशन के लिए तीन मॉड्यूल लॉन्च करना है. जिसमें तियानहे, वेंटियन और मेंगाटियन है.
कैसा है वेंटियन मॉड्यूल-
चीन ने इसे स्वर्ग की खोज नाम दिया है. चाइना एडेकमी ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी के उप मुख्य डिजाइनर लियू गैंग ने इस मॉड्यूल के बारे में बताया. उनके मुताबिक वेंटियन मॉड्यूल 17.9 मीटर लंबा है. जिसका व्यास 4.2 मीटर है. दरअसल चीन के स्पेस स्टेशन T आकार का होगा. जिसकी तीन भुजाएं होंगी. जिसमें से वेंटियन मॉड्यूल एक भुजा है. इसमें एक वर्क केबिने, एक एयरलॉक केबिन और एक रिसोर्स केबिन बना हुआ है.
तियानहे मॉड्यूल-
चीन ने तियानहे मॉड्यूल को अप्रैल 2021 में लॉन्च किया था. इसे कोर मॉड्यूल कहा जाता है. इसे स्पेस स्टेशन की नींव भी कहा गया. तियानहे मॉड्यूल में अंतरिक्ष स्टेशन पर काम करने वाले यात्रियों के रहने वाले क्वार्टर बने हैं.
मेंगाटियन मॉड्यूल-
इस साल के आखिरी तक स्पेस स्टेशन को पूरा करने का लक्ष्य है. इस साल अक्टूबर में मेंगाटियन को लॉन्च किया जाना है, जो स्पेस स्टेशन का आखिरी मॉड्यूल है. इसके बाद स्पेस स्टेशन का काम पूरा हो जाएगा. चीन का स्पेस स्टेशन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से 20 गुना बड़ा होगा.
स्पेस में बड़ी ताकत बनेगा चीन-
चीन स्पेस में अपना स्टेशन बनाने पर काम कर रहा है. अगर चीन इसमें कामयाब होता है तो ये उसके लिए बड़ी कामयाबी होगी. इससे दुनिया में उसका दबदबा भी बढ़ेगा. अब तक दुनिया में सिर्फ एक स्पेस स्टेशन है. जिसे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन कहते हैं. जिसे अमेरिका और रूस ने मिलकर बनाया है. इसका इस्तेमाल रूस, अमेरिका, जापान और यूरोपीय देश भी करते हैं. इस स्पेस स्टेशन की अवधि साल 2024 में खत्म हो रही है. उसके बाद रूस इससे अलग हो जाएगा. फिलहाल रूस अपना स्पेस स्टेशन बनाने की योजना बना रहा है. जबकि चीन उस दिशा में काम कर रहा है.
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