Sickle cell Testing
Sickle cell Testing देश में जल्द ही सिकल सेल टेस्टिंग के लिए पॉइंट ऑफ स्क्रीनिंग टेक्नोलॉजी शुरू होने जा रहा है. ये प्रोजेक्ट लॉर्ड्स मार्क इंडस्ट्रीज और आईआईटी बॉम्बे के सहयोग से शुरू हुआ है. यानि अब सिकल सेल टेस्टिंग में एआई मदद करने वाला है. दरअसल, देश में सिकल सेल एनीमिया को लेकर ज्यादा जानकारी और जागरूकता नहीं है. यह ऐसी बीमारी है जो बचपन से ही एक व्यक्ति के अंदर आ सकती है. मगर लोग इस बीमारी को न ही गंभीरता से लेते हैं और न ही इसकी टेस्टिंग करवाते हैं. इसलिए लोगों को पता नहीं चल पाता है कि आखिर उन्हें सिकल सेल एनीमिया है या नहीं.
देश में दिया जाएगा इसको बढ़ावा
सिकल सेल टेस्टिंग को बढ़ावा देने के लिए देश में पहला एआई सक्षम उपकरण, आईआईटी बॉम्बे द्वारा पेटेंट किया गया है. यह सिकल सेल टेस्टिंग से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करेगा. जिससे यह 100% सटीकता के साथ अधिक सुविधाजनक हो जाएगा. साथ ही इस टेस्टिंग किट को कही भी भी अपने साथ लेकर जाया जा सकेगा. जबकि पुराने मेथड की बात करें, तो उसके अन्तर्गत सिकल सेल टेस्टिंग के नतीजे आने में 3 से 5 दिन का समय लगता था. मगर एआई वाली यह नई सुविधा सिर्फ 30 मिनट में सिकल सेल टेस्टिंग के रिजल्ट दे देगी.
50 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है
इस नई तकनीक के अन्तर्गत पूरे देश में जल्द ही इस टेस्टिंग को शुरू किया जाएगा और 1000 पैथोलॉजी लैब्स भी बनाई जाएंगी. जहां पर सिकल सेल टेस्टिंग को किया जाएगा. इन लैब्स को शुरू करने के लिए 50 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है. साथ ही इस टेस्ट के लिए उपयोग होने वाली किट का इस्तेमाल एक साधारण इंसान भी कर सकता है. वही मोबाइल के इस्तेमाल से भी यह टेस्टिंग की जा सकेगी.