Insignia Stem Implant
Insignia Stem Implant भारत में पहली बार इंसिग्निया स्टेम इम्प्लांट का उपयोग करके हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की गई है. दिल्ली के साकेत में मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में ये सर्जरी की गई है. यह ऐतिहासिक उपलब्धि हॉस्पिटल के सीनियर डायरेक्टर और ऑर्थोपेडिक्स एक्सपर्ट डॉ. रमनीक महाजन और उनकी टीम ने हासिल की है. यह सर्जरी दो मरीजों पर की गई, जिनमें से एक को गंभीर हिप फ्रैक्चर था और दूसरे को एडवांस हिप अर्थराइटिस.
2 मरीजों की हुई सर्जरी
पहला मरीज, 73 साल का पुरुष, दाहिने हिप फ्रैक्चर से पीड़ित था. उनकी स्थिति पहले से ही काफी गंभीर थी. वे पार्किंसन और साइकोसिस जैसी बीमारियों से जूझ रहे थे. इसी की वजह से एक सर्जरी की जरूरत थी. दूसरी मरीज, 69 साल की महिला थी. एवस्कुलर नेक्रोसिस की वजह से वे काफी तेज दर्द से जूझ रही थीं.
दोनों मरीजों पर टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी इंसिग्निया स्टेम इम्प्लांट का उपयोग करके की गई. यह एडवांस इम्प्लांट बुजुर्ग मरीजों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है.
इंसिग्निया स्टेम इम्प्लांट टेक्नोलॉजी
इंसिग्निया स्टेम इम्प्लांट ऑर्थोपेडिक केयर में नई संभावनाएं लेकर आया है. हर इम्प्लांट को मरीज के बॉडी स्ट्रक्चर के अनुसार तैयार किया जाता है. यह कमजोर हड्डियों वाले मरीजों के लिए मजबूत उपाय है. इसके अलावा, इस इम्प्लांट की डिजाइन इसे वर्षों तक प्रभावी बनाए रखती है. साथ ही मरीज जल्दी से चलने-फिरने की स्थिति में आ जाते हैं.
क्यों है ये तकनीक बेहतर?
डॉ. महाजन ने इस उपलब्धि पर अपनी खुशी जताते हुए कहा, “जीवन गतिशीलता है, और गतिशीलता जीवन. हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हमने भारत में पहली बार इंसिग्निया स्टेम इम्प्लांट के साथ हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की है. यह तकनीक बेहतर फिटिंग, स्टेबिलिटी और लंबे समय तक प्रभावशीलता देती है. इससे मरीजों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकता है.”
इन सर्जरियों ने मरीजों के जीवन में एक नई रोशनी ला दी है. 73 साल के पुरुष, जो फ्रैक्चर के कारण पूरी तरह से असहाय हो गए थे, अब स्वतंत्र रूप से चल-फिर सकते हैं. वहीं, 69 वर्षीय महिला, जो लंबे समय से दर्द का सामना कर रही थीं, अब बिना किसी दर्द के सामान्य जीवन जी रही हैं.
दोनों मरीजों ने सर्जरी के बाद अपने जीवन में हुए बदलाव के लिए अस्पताल और डॉक्टरों की टीम का आभार जताया.