scorecardresearch

Pictures on Moon: एस्ट्रोनॉट कैसे खींचते हैं चांद पर तस्वीरें? क्या धरती जितना ही होता है आसान

चांद पर सूरज की अनफिल्टर्ड रोशनी होती है. जिसकी वजह से सही शॉट कैप्चर करना एक मुश्किल काम हो सकता है. इस चुनौती से निपटने के लिए, ऐस्ट्रॉनॉट स्पेशल इक्विपमेंट्स इस्तेमाल करते हैं.

एस्ट्रोनॉट एस्ट्रोनॉट
हाइलाइट्स
  • सेल्फी लेते हैं ऐस्ट्रॉनॉट 

  • स्थिरता के लिए ट्राइपॉड का इस्तेमाल 

हम अक्सर स्पेससूट पहने ऐस्ट्रॉनॉट की तस्वीर देखते हैं. चांद से लेकर स्पेस की तस्वीरें बेहद शानदार होती है. हालांकि, चंद्रमा की सतह पर तस्वीरें क्लिक करना कोई आसान बात नहीं है. लेकिन कई लोग नहीं जानते कि वायुमंडल (Atmosphere) न होने के बावजूद भी ऐस्ट्रॉनॉट चंद्रमा पर तस्वीरें कैसे क्लिक करते हैं. दरअसल, इसके लिए ऐस्ट्रॉनॉट अलग-अलग टेक्नोलॉजी और इक्विपमेंट का उपयोग करते हैं.

क्या आती हैं चुनौतियां? 

चंद्रमा पर तस्वीरें लेते समय ऐस्ट्रॉनॉट के सामने आने वाली मुख्य परेशानियों में से एक होती है वहां वातावरण की अनुपस्थिति. जहां धरती पर वायुमंडल सूरज की रोशनी को फैलाता और बिखेरता है, जिससे हर जगह एक जैसी रोशनी पैदा होती है, वहीं चांद पर ऐसा नहीं हो पाता है. चांद पर सूरज की अनफिल्टर्ड रोशनी होती है. जिसकी वजह से सही शॉट कैप्चर करना एक मुश्किल काम हो सकता है. 

कैसे निपटा जाता है इन चुनौतियों से?

इस चुनौती से निपटने के लिए, ऐस्ट्रॉनॉट स्पेशल इक्विपमेंट्स इस्तेमाल करते हैं. इनमें एक्सपोजर, कंट्रास्ट और कलर बैलेंस को लेकर हर तरीके की सेटिंग मौजूद होती है. ये कैमरे विशेष रूप से चंद्रमा पर मौजूद ज्यादा तापमान और कम प्रेशर की स्थिति का सामना करने के लिए डिजाइन किए गए हैं.

स्थिरता के लिए ट्राइपॉड का इस्तेमाल 

यह सुनिश्चित करने के लिए कि तस्वीरें क्लियर हों इसके लिए ऐस्ट्रॉनॉट ट्राइपॉड का इस्तेमाल करते हैं. क्योंकि गुरुत्वाकर्षण की मदद के बिना, फोटो ब्लर न हो जाए और एक्सपोजर के दौरान कैमरे को स्थिर रखा जा सके इसके लिए ऐसा किया जाता है. 

सेल्फी लेते हैं ऐस्ट्रॉनॉट 

इतना ही नहीं ऐस्ट्रॉनॉट केवल फोटोग्राफर ही नहीं बल्कि कलाकार भी होते हैं. वे चांद पर बेहतर शॉट्स लेने का प्रयास करते हैं. ऐस्ट्रॉनॉट फोटोग्राफी में सबसे ज्यादा पॉपुलर स्पेसवॉक सेल्फी है. ऐस्ट्रॉनॉट अक्सर चंद्रमा की सतह से ऊपर तैरते हुए सेल्फी लेते हैं, इसके बैकग्राउंड में अक्सर पृथ्वी दिखाई देती है.

चंद्रमा पर जिन कैमरा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है वो काफी एडवांस होती हैं. lpi.usra.edu की रिपोर्ट के मुताबिक, नासा के अपोलो मिशन 15 के दौरान ऐस्ट्रॉनॉट ने 70 मिलीमीटर के हैसलब्लैड डेटा कैमरे का इस्तेमाल किया था. उन्होंने 16-मिलीमीटर डेटा एक्यूजेशन कैमरा (DAC), और एक कलर टीवी कैमरा (LM4), और लूनर सरफेस टीवी कैमरा का भी उपयोग किया था.