solar cells
solar cells भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रुड़की के शोधकर्ताओं ने हाई-क्वालिटी, कुशल और कम लागत वाले पेरोसाइट और सौर सेल को विकसित किया है. IIT रुड़की के शोधकर्ताओं के जरिए विकसित गई सोलर सेल 17.05% की एक स्थिर बिजली रूपांतरण दक्षता (पीसीई) दिखाई है, जो टू-डायमेंसली पेरोसाइट के लिए हाई रिपोर्ट किए गए पीसीई में से एक है. अभी तक केवल पीसीई की 15% होने की जानकारी दी गई है.
इन्होंने ने किया डेवलप
उसे डेवलप करने वाले शोधार्थियों ने कहा है कि उनके तरफ से इस्तेमाल किए गए मटेरियल का इस्तेमाल करने के बाद सोलर सेल का निर्माण लागत सिलिकॉन-आधारित फोटोकेल्स का दसवां हिस्सा होगी. इसे पीर-प्रीव्यू अमेरिकी पत्रिका एसीएस एप्लाइड एनर्जी मैटेरियल्स के मुताबिक इसे रोहित डी चव्हाण, पंकज यादव और सौमित्र सतपथी का अध्ययन प्रकाशित किया है. इस शोध के प्रमुख शोधकर्ता एसोसिएट प्रोफेसर सतपथी है.
आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा
शोधकर्ता एसोसिएट प्रोफेसर सतपथी ने बताया कि हमारा मुख्य उद्देश्य उसकी एफिशिएंसी को अनुकूलित करना और जितना संभव हो सके पेरोसाइट सौर सेल के निर्माण में लगने वाले लागत को कम करना है. वहीं IIT के निदेशक प्रोफेसर केके पंत ने एक बयान में कहा कि पिछले एक दशक के दौरान, पेरोसाइट सौर सेल एक कम लागत वाली फोटोवोल्टिक तकनीक के रूप में उभरा है. जो IIT रुड़की में विकसित किया गया है वह सौर सेल विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा. यह खोज नए अवसरों को बढ़ावा देगा और अत्यधिक कुशल पेरोसाइट सौर सेल का विकास करेगी.