Bharatiya Antariksha Station and PM Modi
Bharatiya Antariksha Station and PM Modi 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 11वीं बार तिरंगा फहराया. इस दौरान पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि कई लोगों ने साल 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के लिए सुझाव दिए. इन सुझावों में की लोगों ने कहा कि भारत का स्पेस स्टेशन जल्द से जल्द बनना चाहिए. कोई कहता है कि अब देर नहीं होनी चाहिए. चलिए हम आपको बताते हैं कि स्पेस स्टेशन बनाने के लिए भारत का क्या प्लान है और उस पर सरकार क्या काम कर रही है.
क्या होता है स्पेस स्टेशन-
सामान्य तौर पर स्पेस स्टेशन ऐसी जगह को कहा जाता है, जो स्पेस में स्थाई तौर पर होती है. जिसका इस्तेमाल अंतरिक्ष यात्री रहने के लिए करते हैं. अंतरिक्ष स्टेशन को उसके आकार और वजन के मुताबिक कई हिस्सों में स्पेस में भेजा जाता है. इन हिस्सों को मॉड्यूल कहा जाता है. इन हिस्सों को डॉकिंग तकनीक से आपस में जोड़ा जाता है. स्पेस स्टेशन की स्थापना धरती के लो आर्बिट में की जाती है.
कैसा होगा भारत का स्पेस स्टेशन-
भारतीय स्पेस स्टेशन का डिजाइन भी सामने आ चुका है. भारत का स्पेस स्टेशन 52 टन का होगा. यह 27 मीटर लंबा और 20 मीटर चौड़ा होगा. इस स्पेस स्टेशन में 3 से 4 एस्ट्रोनॉट्स रहेंगे. अगर जरूरत पड़ी तो स्पेस स्टेशन में रहने वाले एस्ट्रोनॉट्स की संख्या 6 हो सकती है. इसरो (ISRO) ने साल 2035 तक स्पेस स्टेशन को ऑपरेशनल करने का प्लान बनाया है.
इसमें यूनिवर्सल डॉकिंग और बर्थिंग सिस्टम भी होगा. इसकी मदद से जरूरत पड़ने पर दूसरे देशों के स्पेसक्राफ्ट को भी जोड़ा जा सकता है. भारत का स्पेस स्टेशन धरती से ऊपर 400 से 450 किलोमीटर के ऑर्बिट में चक्कर लगाएगा. स्पेस स्टेशन पर प्रोपेलेंट रीफ्यूलिंग और सर्विसिंग की व्यवस्था होगी. इसमें इनर्शियल कंट्रोल सिस्टम होगा.
राकेश शर्मा स्पेस में जाने वाले इकलौते भारतीय नागरिक-
स्पेस में भारत का इतिहास काफी पुराना है. हालांकि भारत के इकलौते अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा हैं, जिन्होंने साल 1984 में रूस ने स्पेस में भेजा था. उसके बाद से अब तक कोई भी भारतीय नागरिक स्पेस में नहीं गया है. हालांकि भारतीय मूल की कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स को स्पेस में भेजा गया है. लेकिन उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व नहीं किया था.
फिलहाल भारत मिशन गगनयान की तैयारी में जुटा है. भारत इसके जरिए एस्ट्रोनॉट को स्पेस में भेजने पर काम कर रहा है. ISRO साल 2024 के आखिरी या साल 2025 की शुरुआत में इस मिशन को भेज सकता है. इसके तहत 4 अतंरिक्ष यात्रियों को स्पेस की सैर कराई जाएगी. मिशन गगनयान के लिए भारत ने अंतरिक्ष यात्रियों को चुन भी लिया है. इसमें ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल हैं.
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