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भारत के आकाश को मिली 'अग्नि' की ताकत, जानिए इस मिसाइल की खूबियां

भारत ने अग्नि -5 मिसाइल का सफल परीक्षण करके दुनिया को चौंका दिया है.भारत के इस 'ब्रह्मास्त्र' की चर्चा चीन से लेकर पाकिस्तान में हो रही है.यही नहीं अग्नि -5 की सफल उड़ान के बाद भारत उस कतार में ख़ड़ा हो गया है, जिन्हें दुनिया की मिसाइल शक्ति माना जाता है. ये ऐसी मिसाइल लंबी दूरी तक मार करने के साथ-साथ और भी कई बेहतरीन खूबियों से लैस है.

अग्नि -5 मिसाइल का सफल परीक्षण  अग्नि -5 मिसाइल का सफल परीक्षण
हाइलाइट्स
  • मिसाइल को DRDO और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने मिलकर बनाया है

  • अग्नि 5 मिसाइल का य़े 8वां टेस्ट था

भारत ने अग्नि -5 मिसाइल का सफल परीक्षण करके दुनिया को चौंका दिया है.भारत के इस ब्रह्मास्त्र की  चर्चा चीन से लेकर पाकिस्तान में हो रही है.यही नहीं अग्नि -5 की सफल उड़ान के बाद भारत उस कतार में ख़ड़ा हो गया है, जिन्हें दुनिया की मिसाइल शक्ति माना जाता है. 

बेहद अचूक और सटीक निशाना, आवाज की गति से 24 गुना तेज रफ्तार, 5 हजार किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक मार करने की क्षमता- ये वो बातें हैं जो स्वदेशी मिसाइल अग्नि-5 को बेमिसाल बनाती हैं.  कल शाम 7 बजकर 50 मिनट पर ओडिशा में एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से अग्नि सीरीज की इस सबसे खास मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया. अग्नि 5 सतह से सतह पर वार करने वाली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है, यानी चीन और पाकिस्तान तक आसानी से ये मार कर सकती है. ये ऐसी मिसाइल लंबी दूरी तक मार करने के साथ-साथ और भी कई बेहतरीन खूबियों से लैस है.

-अग्नि-5 तीन चरणों में मार करने वाली मिसाइल है. 

-इसमें तीन स्टेजवाला सॉलिड फ्यूल इंजन लगाया गया है.

-इसकी लंबाई साढ़े 17 मीटर और चौड़ाई दो मीटर है.

-ये मिसाइल डेढ़ टन तक के परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. 

-खास बात ये भी है कि इस पर एक साथ कई हथियार लगाए जा सकते हैं.

-ये मिसाइल MIRV यानी Multiple Independently Targeteble Re-Entry Vehicle से लैस है.

-इस तरह यह एक बार में कई टारगेट पर मार कर सकती है.

-इसमें नेविगेशन की सबसे एडवांस तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, लिहाजा ये अपने लक्ष्य से भटक नहीं सकती.

बता दें कि इस मिसाइल को DRDO और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने मिलकर बनाया है. अग्नि 5 मिसाइल का य़े 8वां टेस्ट था. इसके बाद इसे सेना में शामिल किया जा सकता है. यह टेस्ट पहले 2020 में होना था, लेकिन कोरोना संकट के कारण इसे टाल दिया गया. 19 अप्रैल 2012 को ओडिशा में इसका पहला टेस्ट कामयाब रहा था. इसके बाद जनवरी 2015 में मिसाइल का पहला कैनिस्टर टेस्ट किया गया था, फिर 10 दिसंबर 2018 को मिसाइल का एक और अहम टेस्ट किया गया. इसके बाद अब इसका यूजर ट्रायल कामयाब रहा है. बताया जाता है कि इसका इस्तेमाल बेहद आसान है.

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-इसे मोबाइल लांचर से लांच किया जा सकता है. 

-इसके लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. 

-जिससे इस मिसाइल को कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है. 

-इसे देश में कहीं भी तैनात किया जा सकता है. 

-बड़ी बात ये है कि इसे इंटरसेप्ट करना भी मुश्किल है क्योंकि ये मिसाइल दुश्मनों की मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चकमा दे सकती है.

सबसे खास बात तो ये है कि अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस, इजरायल, ब्रिटेन और उत्तर कोरिया के बाद अब भारत भी अग्नि-5 के जरिए इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल से लैस देश बन गया है. अग्नि-5 से भारत की मिसाइल क्षमता में इजाफा तो हुआ है. लेकिन, भारत पहले ही साफ कर चुका है कि वह किसी भी हथियार का पहले इस्तेमाल नहीं करने की नीति पर चलेगा. 

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-अग्नि परिवार की पहली मिसाइल Agni-I है. जो अपने लक्ष्य को भेदने के लिए 700 से 1250 किमी की दूरी तय कर सकती है.
-Agni दो भारत की इंटरमीडियट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है.जिसकी रेंज 2 हजार से 3 हजार किमी तक है.

-Agni तीन की बात करें तो ये मिसाइल 5 से 6 किमी प्रति सेकंड की गति के साथ 3,000 किमी की दूरी तय कर सकती है.

- अग्नि चार की बात करें तो इसे DRDO ने डिजाइन किया है...और ये लगभग 4,000 किमी की दूरी तक पहुंच सकती है.

- Agni 5 का सफल परीक्षण हो चुका है और ये मिसाइल केवल भारत की नहीं बल्कि दुनिया की सबसे शक्तिशाली मिसाइलों में एक है.