scorecardresearch

Space Mission Shubhansu Shukla: 8 जून को अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेंगे शुभांशु शुक्ला, इतने दिन क्वारंटीन में रहेंगे भारतीय एस्ट्रोनोट, जानिए स्पेस जाने से पहले का पूरा प्रोसेस

शुभांशु शुक्ला तीन अन्य अंतरिक्ष साथियों के साथ क्वारंटाइन में है. क्वारंटाइन के बाद 8 जून को शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरेंगे. शुभांशु शुक्ला एक्सिओम स्पेस मिशन (Ax-4) का हिस्सा हैं.

Ax-4 Mission ISS (Photo Credit: X_SpaceX) Ax-4 Mission ISS (Photo Credit: X_SpaceX)
हाइलाइट्स
  • 8 जून को लॉन्च एक्सिओम मिशन

  • एस्ट्रोनोट शुभांशु शुक्ला इतिहास रचने को तैयार

  • इस मिशन से भारत को गगनयान मिशन मेें मिलेगी मदद

इंडियन एस्ट्रोनोट शुभांशु शुक्ला इतिहास रचने को तैयार हैं. शुभांशु शुक्ला 8 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरेंगे. शुभांशु शुक्ला एक्सिओम स्पेस मिशन (Ax-4) का हिस्सा हैं.

इस मिशन के लिए भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के साथ तीन और एस्ट्रोनोट हैं. एक्सिओम स्पेस मिशन भारत, अमेरिका, पौलेंड और हंगरी का साझा मिशन है. इस मिशन के लिए हर देश से एक एस्ट्रोनोट जा रहा है. भारत की ओर से इस खास मिशन के लिए शुभांशु शुक्ला को चुना गया है.

एक्सिओम मिशन की टीम 25 मई को फ्लोरिडा पहुंच गई है. शुभांशु शुक्ला समेत पूरी टीम क्वारंटीन में है. ये स्पेस मिशन 8 जून को लॉन्च होगा. उससे पहले सभी को क्वारंटीन में रखा गया है. सभी अंतरिक्ष यात्रियों को क्वारंटीन में क्यों रखा गया है? आइए इस बारे में जानते हैं.

Ax-4 मिशन
एक्सिओम मिशन-4 से पहले शुभांशु शुक्ला अपने क्रू साथियों के साथ क्वारंटीन फेज में चले गए गए है. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) जाने वाला ये मिशन 8 जून 2025 को लॉन्च होगा. ये मिशन फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होगा. स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से सभी एस्ट्रोनोट स्पेस स्टेशन जाएंगे. इस ऐतिहासिक मिशन को एक्सियोम स्पेस, स्पेसएक्स और नासा मिलकर पूरा करेंगे.

शुभांशु शुक्ला के अलावा तीन अन्य एस्ट्रोनोट इस स्पेस मिशन में जाएंगे. पेगी व्हिट्सन  इस मिशन की कमांडर है. पेगी अमेरिका की सबसे अनुभवी एस्ट्रोनोट हैं. शुभांशु शुक्ला इस स्पेस मिशन में पायलट हैं. पोलैंड के स्लोवोस्ज उज्नान्सकी मिशन विशेषज्ञ है. हंगरी की ओर से इस स्पेस मिशन में टिबर कापु जा रहे हैं.

क्वारंटीन में क्यों गए एस्ट्रोनोट?
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाने वाले एक्सिओम मिशन की टीम फ्लोरिडा में क्वारंटीन में है. उनके क्वारंटीन की अवधि 25 मई को शुरू हुई. क्वारंटीन का पहला दिन पूरा हो गया है. पूरी टीम दो हफ्ते के लिए क्वारंटीन में रहेगी. क्वारंटीन में जाने से एक्सिओम स्पेस के सभी लोग चालक दल की विदाई का जश्न मनाने के लिए जुटे. इस फेयरवेल पार्टी में इस मिशन में साथ देने वाली टीम का सम्मान किया गया.

क्वारंटीन स्पेस मिशन से पहले किया जाता है. ये एक महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल है. इस क्वारंटीन से यह सुनिश्चित किया जाता है कि चालक दल स्वस्थ हैं. किसी भी तरह का इंफेक्शन न हो जो मिशन को खतरे में डाल सकता है. छोटा-सा इंफेक्शन भी खतरनाक साबित हो सकता है. इससे अंतरिक्ष यात्री का इम्युन सिस्टम कमजोर पड़ सकता है.

स्पेस जाने की प्रोसेस
स्पेस मिशन लॉन्च होने से 14 दिन पहले क्वारंटीन की अवधि शुरू हो जाती है. इस दौरान सभी अंतरिक्ष यात्री और छोटा-सी सपोर्ट टीम को आइसोलेशन में रखा जाता है. सभी लोगों को अलग-अलग रखा जाता है. क्वारंटीन के दौरान आइसोलेशन का सख्ती से पालन किया जाता है.

क्वारंटीन के दौरान सभी अंतरिक्ष यात्रियों के हेल्थ की निगरानी रखी जाती है. इसके अलावा सभी का मेडिकल चेकअप किया जाता है. इस दौरान सभी को मिशन की ब्रीफिंग की जाती है. साथ में सभी को एक्सरसाइज भी कराई जाती है. क्वारंटीन के दौरान यदि कोई लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे अलग रखा जाता है. उस पर खास निगरानी रखी जाती है.

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाने वाले एक्स-4 मिशन में शुभांशु शुक्ला पायलट हैं. इस स्पेस मिशन से भारत को गगनयान स्पेस फ्लाइट प्रोग्राम में सीधा फायदा मिलेगा. शुभांशु शुक्ला का अनुभव भारत के गगनयान मिशन में काफी मददगार साबित हो सकता है.