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ग्रीन कॉरिडोर से 14 मिनट में अस्पताल पहुंचा लिवर, केजीएमयू में बचाई गई 39 साल के इंजीनियर की जान

लखनऊ में लिवर ट्रांसप्लांट करके एक युवक की जान बचाई गई है. ये लिवर ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से कुल 14 मिनट में अस्पताल पहुंचाया गया. हालांकि, व्यक्ति को पहले डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया था. लेकिन फिर उसकी जान बचा ली गई.

Liver Transplant Liver Transplant
हाइलाइट्स
  • व्यक्ति का हो गया था एक्सीडेंट 

  • ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से मंगवाया लिवर 

लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में सोलहवां सफल लिवर ट्रांसप्लांट किया गया है. लिवर ट्रांसप्लांट करने के लिए लखनऊ के प्राइवेट अस्पताल अपोलोमेडिक्स से लिवर को केजीएमयू ग्रीन कॉरिडोर बनाकर 14 मिनट में लाया गया ताकि लिवर की क्वालिटी औऱ कार्य क्षमता में कमी ना आए. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता डॉक्टर सुधीर कुमार ने बताया कि, अपोलोमेडिक्स अस्पताल से कैडवेर यानी कि ब्रेन डेड व्यक्ति के लिवर को मंगलवार को केजीएमयू लाया गया है.

व्यक्ति का हो गया था एक्सीडेंट 

आपको बता दें, इस व्यक्ति का बहुत खतरनाक एक्सीडेंट हो गया था. इसके बारे में बात करते हुए डॉक्टर सुधीर ने बताया, “50 वर्षीय एक व्यक्ति सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया जिसके बाद उसे लखनऊ के अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल लाया गया. भीषण एक्सीडेंट के कारण व्यक्ति को काफी इंजरी हुई साथ ही साथ सिर में भी गंभीर चोटें आई हुई थीं, जिसको अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहां पर डॉक्टर उसका इलाज कर रहे थे लेकिन उपचार के दौरान ही जब डॉक्टरों को कोई प्रोग्रेस नहीं दिखाई पड़ी तो डॉक्टरों की ब्रेन डेथ कमेटी ने व्यक्ति को ब्रेन डेड घोषित कर दिया. उस क्योंकि की हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था.”

ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से मंगवाया लिवर 

दरअसल, वहीं केजीएमयू अस्पताल में भर्ती प्रतापगढ़ के 39 साल मरीज जोकि जेके इंडस्ट्रीज में इंजीनियर है और पिछले 1 साल से लिवर की सिरोसिस बीमारी से जूझ रहे थे. उन्हें लिवर की आवश्यकता थी जिसके बाद केजीएमयू के गैस्ट्रो डिपार्टमेंट के डॉ अभिजीत चंद्र, विवेक गुप्ता और संदीप वर्मा ने अपोलो से संपर्क करके लिवर को ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से 14 मिनट के अंदर प्राप्त किया. 

केजीएमयू के स्पोक पर्सन डॉक्टर सुधीर कुमार ने आगे बताया कि ट्रैफिक कंट्रोल रूम के सहयोग से 14 मिनट के अंदर ही अपोलो से केजीएमयू लिवर को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर लाया गया और समय रहते पीड़ित मरीज में इसे ट्रांसप्लांट कर दिया गया. वहीं इस दौरान दो किडनी भी निकाली गई.

केजीएमयू के वाइस चांसलर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डॉ विपिन पुरी ने बताया कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के इतिहास में यह 16 वां सफल लिवर ट्रांसप्लांट किया गया. कुलपति ने बताते हुए कहा कि अभी तक केजीएमयू में 29 ऑर्गन रेटरिवेल (बहाल) हो चुके हैं और इसमें करीब 10 लाख रुपए की लागत आई है जोकि लिवर ट्रांसप्लांट के लिहाज से ये कीमत देश में सबसे कम है.

(सत्यम मिश्रा की रिपोर्ट)