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नासा ने खोजा पहला "पानी वाला ग्रह"! क्या धरती के अलावा भी है जीवन? वैज्ञानिकों का दावा सबकुछ बदल देगा!

TOI-1452 b को वैज्ञानिक सुपर-अर्थ कह रहे हैं. यह ग्रह पृथ्वी से 70% बड़ा है और इसका Mass हमारी पृथ्वी से पांच गुना ज्यादा है. लेकिन इसका आकार और वजन ही इसकी खासियत नहीं है. जब वैज्ञानिकों ने इस ग्रह के घनत्व (डेंसिटी) का अध्ययन किया, तो उन्हें कुछ ऐसा मिला, जो किसी धातु या चट्टानी ग्रह से मेल नहीं खाता था.

पानी वाला ग्रह पानी वाला ग्रह

क्या आपने कभी सोचा है कि पृथ्वी के अलावा कहीं और जीवन हो सकता है? क्या कोई ऐसा ग्रह है, जहां पानी की विशाल सतहें लहरा रही हों, और शायद वहां कोई प्राणी भी रहता हो? अगर नहीं, तो तैयार हो जाइए, क्योंकि नासा का जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने एक ऐसी खोज की है, जो विज्ञान की दुनिया को हिलाकर रख देने वाली है! TOI-1452 b नाम का एक अनोखा ग्रह, जो पृथ्वी से केवल 100 लाइट ईयर दूर है, वैज्ञानिकों को हैरान कर रहा है. यह ग्रह न सिर्फ पानी से भरा हो सकता है, बल्कि यह भी संभव है कि वहां जीवन मौजूद हो! 

पहला "वाटर प्लेनेट" जो बदल देगा सबकुछ!
खगोलविदों ने इस ग्रह को TOI-1452 b नाम दिया है, और इसे देखकर वैज्ञानिकों के होश उड़ गए हैं. यह कोई साधारण ग्रह नहीं है- यह एक ऐसा "वाटर वर्ल्ड" हो सकता है, जिसकी सतह का 30% हिस्सा पानी से ढका हो! जी हां, आपने सही पढ़ा- पानी! और पानी का मतलब तो आप जानते ही हैं, न? जहां पानी है, वहां जीवन की संभावना भी हो सकती है. यह ग्रह ड्रैको नक्षत्र में स्थित है और यह पहला ऐसा ग्रह है, जिसे विज्ञान ने आधिकारिक तौर पर पानी से भरा ग्रह माना है.

लेकिन रुकिए, कहानी यहीं खत्म नहीं होती. इस ग्रह की खोज ने भौतिकी और रसायन विज्ञान के उन सिद्धांतों को चुनौती दी है, जिनके आधार पर हम ग्रहों के बारे में सोचते हैं. वैज्ञानिकों का मानना था कि इस तरह के ग्रह पर, जो अपनी तारे की इतनी नजदीक परिक्रमा करता है, तरल पानी का होना असंभव है. लेकिन TOI-1452 b ने सबको गलत साबित कर दिया! यह ग्रह हमें बता रहा है कि ब्रह्मांड में ऐसी चीजें संभव हैं, जिनके बारे में हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था.

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TOI-1452 b को कहा जा रहा है सुपर-अर्थ
TOI-1452 b को वैज्ञानिक सुपर-अर्थ कह रहे हैं. यह ग्रह पृथ्वी से 70% बड़ा है और इसका Mass हमारी पृथ्वी से पांच गुना ज्यादा है. लेकिन इसका आकार और वजन ही इसकी खासियत नहीं है. जब वैज्ञानिकों ने इस ग्रह के घनत्व (डेंसिटी) का अध्ययन किया, तो उन्हें कुछ ऐसा मिला, जो किसी धातु या चट्टानी ग्रह से मेल नहीं खाता था. फिर क्या? पानी! जी हां, इस ग्रह की संरचना ऐसी है कि यह तरल पानी या बर्फ की परतों से बना हो सकता है, जैसा कि बृहस्पति के चंद्रमा गैनिमेड और शनि के चंद्रमा एनसेलेडस में देखा गया है.

यह ग्रह अपने तारे की परिक्रमा केवल 11 पृथ्वी दिनों में पूरी करता है. इतना कम समय? इसका मतलब है कि यह अपने तारे के बहुत करीब है. लेकिन यहां ट्विस्ट है- यह तारा एक लाल बौना (रेड ड्वार्फ) है, जो हमारे सूरज से छोटा और ठंडा है. शायद यही वजह है कि इस ग्रह पर तरल पानी मौजूद हो सकता है. यह खोज इतनी चौंकाने वाली है कि वैज्ञानिक इसे "असंभव को संभव" बनाने वाला ग्रह कह रहे हैं!

जेम्स वेब टेलीस्कोप ने खोजा है इसे 
इस खोज का असली हीरो है जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप. यह टेलीस्कोप अब TOI-1452 b के वायुमंडल का विश्लेषण करने की तैयारी कर रहा है. जब यह ग्रह अपने तारे के सामने से गुजरेगा, तब जेम्स वेब इसके वायुमंडल में मौजूद गैसों, जैसे पानी का वाष्प या हाइड्रोजन, का पता लगाएगा. और अगर वैज्ञानिकों को कोई जैविक यौगिक (बायोसिग्नेचर) मिला, तो यह खोज मानव इतिहास की सबसे बड़ी खोज बन सकती है! 

क्यों है यह "वाटर वर्ल्ड" इतना खास?
TOI-1452 b को "वाटर वर्ल्ड" कहने की वजह यह है कि यह ग्रह पृथ्वी से सबसे ज्यादा समानता रखता है. हालांकि अभी यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि इस ग्रह पर पानी है, लेकिन इसके घनत्व, आकार और तारे से दूरी के आधार पर वैज्ञानिकों को यकीन है कि यह पानी से भरा हो सकता है. और अगर पानी है, तो जीवन की संभावना भी है. यह ग्रह हमें यह भी बता रहा है कि हमारी आकाशगंगा में ऐसे कई और ग्रह हो सकते हैं, जो रहने योग्य हों, और हमने अब तक उनकी संख्या को कम आंका था.

क्या कहते हैं वैज्ञानिक?
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह खोज हमें ग्रहों के निर्माण और उनकी संरचना को समझने में मदद करेगी. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है- क्या TOI-1452 b पर जीवन संभव है? वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर इस ग्रह पर पानी मौजूद है, तो वहां पृथ्वी जैसे जीवन की संभावना हो सकती है. हालांकि, यह भी हो सकता है कि वहां का जीवन हमसे बिल्कुल अलग हो- शायद कोई एलियन प्रजाति, जो हमारे जैसे न हो!