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National Awards in Science: विज्ञान क्षेत्र के लिए नए नेशनल अवॉर्ड्स, चार केटेगरी में मिलेंगे 56 पुरस्कार  

National Awards in Science: सभी पुरस्कारों में भारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में सर्वोच्च मान्यता के रूप में एक प्रशस्ति पत्र (सनद) और एक मेडल दिया जाएगा. मौजूदा पुरस्कारों के विपरीत, इन राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कारों में पद्म पुरस्कारों की तरह कोई नकद राशि नहीं होगी.

नेशनल अवॉर्ड्स नेशनल अवॉर्ड्स
हाइलाइट्स
  • नहीं दी जाएगी कोई राशि 

  • 14 जनवरी से होगी नॉमिनेशन फाइलिंग 

विज्ञान क्षेत्र के लिए नए नेशनल अवॉर्ड्स की घोषणा की गई है. इसके मुताबिक, चार केटेगरी में 56 पुरस्कार मिलने वाले हैं. गुरुवार को केंद्र विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कारों का एक नया सेट लेकर आया है, जिसे "राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार" के नाम से जाना जाएगा जाता है. ये हर साल दिया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये पुरस्कार हर साल 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के मौके पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिए जाएंगे. ये एक तरह से पद्मा अवार्ड की तरह ही होंगे.     

नहीं दी जाएगी कोई राशि 

हालांकि, मौजूदा पुरस्कारों के विपरीत, इन राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कारों में पद्म पुरस्कारों की तरह कोई नकद राशि नहीं होगी. सभी पुरस्कारों में भारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में सर्वोच्च मान्यता के रूप में एक प्रशस्ति पत्र (सनद) और एक मेडल दिया जाएगा. 

13 क्षेत्रों में दिए जाएंगे पुरस्कार 

बताते चलें कि विज्ञान के 13 क्षेत्रों जैसे भौतिकी, रसायन विज्ञान, जैविक विज्ञान, गणित, कंप्यूटर विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, कृषि विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष को कवर करने वाली चार श्रेणियों में कुल 56 पुरस्कार दिए जाएंगे. पुरस्कारों के बारे में बताते हुए विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि इन पुरस्कारों का निर्णय करते समय प्रत्येक डोमेन/क्षेत्र से प्रतिनिधित्व और "लिंग समानता" सुनिश्चित की जाएगी. 

1958 में भी हुई थी इसे लेकर बात

इससे पहले, 1958 से काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च द्वारा दिए जाने वाले शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कारों के लिए केवल सात डोमेन पर विचार किया गया था. अब इन डोमेन का विस्तार कृषि विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष विज्ञान और कंप्यूटर तक हो गया है. इसे लेकर मंत्रालय ने कहा, “ये नए राष्ट्रीय पुरस्कार भारत सरकार द्वारा उच्चतम स्तर पर वैज्ञानिक समुदाय की उपलब्धियों को मान्यता देने में एक अच्छा कदम हैं. इस पूरी चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ, साइंटिफिक इनोवेटर और टेक्नोलॉजिस्ट के सभी सेक्शंस द्वारा किए गए काम को दूसरे राष्ट्रीय पुरस्कारों के बराबर दर्जा प्रदान करते हुए सम्मानित किया जाएगा.”

14 जनवरी से होगी नॉमिनेशन फाइलिंग 

आगे मंत्रालय ने कहा, “हम हर साल राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कार दिए जाने का प्रयास करेंगे, जैसा कि हम पद्म पुरस्कारों के मामले में देखते हैं. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के वरिष्ठ सलाहकार अखिलेश गुप्ता ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, नॉमिनेशन, अनाउंसमेंट और अवार्ड देने वाली सेरेमनी की तारीखों के संदर्भ में एकरूपता लाने का भी प्रयास किया गया है. पुरस्कारों के लिए नामांकन हर साल 14 जनवरी को आमंत्रित किए जाएंगे जो 28 फरवरी (राष्ट्रीय विज्ञान दिवस) तक खुले रहेंगे. इन पुरस्कारों की घोषणा 11 मई (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस) को की जाएगी और सभी श्रेणियों के पुरस्कारों के लिए पुरस्कार समारोह 23 अगस्त (राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस) को आयोजित किया जाएगा.

4 श्रेणियों में दिए जाएंगे राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार 

-विज्ञान रत्न: जीवन भर की उपलब्धियों और योगदान के लिए

-विज्ञान श्री: विशिष्ट योगदान के लिए

-विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर: असाधारण योगदान देने वाले 45 साल तक के युवा वैज्ञानिकों को पहचानें और प्रोत्साहित करें

-विज्ञान टीम: असाधारण योगदान देने वाले तीन या अधिक वैज्ञानिकों/शोधकर्ताओं/नवप्रवर्तकों की टीम को पुरस्कार दिया जाएगा.