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Nobel Prize: इस परिवार ने जीते हैं सबसे ज्यादा नोबेल पुरस्कार... जानिए कौन हैं सबसे युवा और उम्रदराज विजेता

नोबेल पुरस्कार आम तौर पर हर साल एक ही क्रम में दिए जाते हैं, जिसमें सबसे पहले मेडिसिन का पुरस्कार आता है, उसके बाद फिजिक्स, केमिस्ट्री, साहित्य, शांति, और अर्थशास्त्र के पुरस्कार दिए जाते हैं.

Pierre Curie and Marie Skłodowska-Curie (Left) and John B. Goodenough (Right) (Photo: Wikipedia) Pierre Curie and Marie Skłodowska-Curie (Left) and John B. Goodenough (Right) (Photo: Wikipedia)

साल 2025 का पहला नोबेल पुरस्कार, फिजियोलॉजी या मेडिसिन क्षेत्र में घोषित कर दिया गया है. मैरी ई. ब्रंकॉव, फ्रेड राम्सडेल और शिमोन साकागुची को इम्यून सिस्टम पर उनके काम के लिए सम्मानित किया गया है. नोबेल पुरस्कार आम तौर पर हर साल एक ही क्रम में दिए जाते हैं, जिसमें सबसे पहले मेडिसिन का पुरस्कार आता है, उसके बाद फिजिक्स, केमिस्ट्री, साहित्य, शांति, और अर्थशास्त्र के पुरस्कार दिए जाते हैं. 

इस मौके पर हम आपको नोबेल पुरस्कार से जुड़ी कुछ दिलचस्प जानकारी बता रहे हैं. जैसे कि सबसे युवा नोबेल पुरस्कार विजेता कौन है या सबसे ज्यादा उम्र में किसने नोबेल जीता? और क्या आपको पता है कि एक ही परिवार के कई सदस्य अलग-अलग समय पर नोबेल पुरस्कार जीत चुके हैं. 

क्यूरी परिवार ने जीते सबसे ज्यादा पुरस्कार 
आपको शायद ही पता हो लेकिन अब तक क्यूरी परिवार ने सबसे ज्यादा- पांच नोबेल पुरस्कार जीते हैं. जिनमें मैरी क्यूरी को दो बार, उनके पति पियरे क्यूरी को एक बार, उनकी बेटी इरीन जूलियट-क्यूरी को एक बार, और उनके दामाद फ्रेडरिक जूलियट-क्यूरी को एक बार पुरस्कार मिला. 

मैरी क्यूरी:
उन्हें भौतिकी (1903) और रसायन विज्ञान (1911) में दो बार नोबेल पुरस्कार मिला.

पहला नोबेल पुरस्कार (1903, फिजिक्स)
मैरी क्यूरी को उनकी रेडियोधर्मिता (radioactivity) पर की गई खोजों के लिए भौतिकी में नोबेल पुरस्कार मिला. 1898 में, उन्होंने अपने पति पियरे क्यूरी के साथ मिलकर नए तत्व पोलोनियम और रेडियम की खोज की. ये दोनों तत्व रेडियोधर्मी थे. इस खोज ने विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र में नई दिशा दी. यह पुरस्कार उन्हें अपने पति पियरे क्यूरी और हेनरी बैकेरेल के साथ मिला.

दूसरा नोबेल पुरस्कार (1911, रसायन विज्ञान)
1911 में मैरी क्यूरी को रसायन विज्ञान में भी नोबेल पुरस्कार मिला. यह पुरस्कार उन्हें रेडियम और पोलोनियम तत्वों की खोज और उनके गुणों के अध्ययन के लिए दिया गया.

मैरी क्यूरी वह पहली और अब तक की एकमात्र महिला वैज्ञानिक हैं जिन्हें दो अलग-अलग क्षेत्रों में नोबेल पुरस्कार मिला. उनका काम आज भी विज्ञान और चिकित्सा में प्रेरणा का स्रोत है.

1903 Nobel Prize diploma (Photo: Wikipedia)

पियरे क्यूरी:
मैरी के पति, उन्हें 1903 में भौतिकी का पुरस्कार मैरी के साथ साझा किया गया था. 1898 में, उन्होंने मैरी क्यूरी के साथ मिलकर नए तत्व पोलोनियम और रेडियम की खोज की. ये दोनों तत्व रेडियोधर्मी थे. इस खोज ने विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र में नई दिशा दी. 

इरीन जूलियट-क्यूरी:
मैरी क्यूरी की बेटी, जिन्होंने अपने पति फ्रेडरिक जूलियट-क्यूरी के साथ मिलकर 1935 में रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार जीता था. इरीन ने रेडियोधर्मी तत्वों और उनके गुणों पर महत्वपूर्ण शोध किया, विशेष रूप से कृत्रिम रेडियोधर्मी तत्व पोलोनियम और प्लूटोनियम के निर्माण और अध्ययन में योगदान दिया. इरीन और फ्रेडरिक की खोज ने परमाणु विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र में नए द्वार खोले और उन्हें विज्ञान जगत में विश्वसनीय स्थान दिलाया.

हेनरी लाबोइस:
हेनरी लाबोइस, मैरी क्यूरी की छोटी बेटी ईव क्यूरी के पति थे. उन्हें 1965 में यूनिसेफ की ओर से नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. हेनरी लाबोइस का योगदान बच्चों और मानव कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय रहा, और उनके प्रयासों ने वैश्विक स्तर पर शांति, सुरक्षा और शिक्षा के लिए नए मानदंड स्थापित किए. उनका यह पुरस्कार समाज में न्याय और मानवता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को मान्यता देने के रूप में दिया गया.

सबसे युवा नोबेल पुरस्कार विजेता
मलाला यूसुफजई सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार विजेता हैं, जिन्होंने साल 2014 में मात्र 17 साल की उम्र में शांति का नोबेल पुरस्कार जीता था. मलाला यूसुफजई का काम खासकर लड़कियों की शिक्षा और उनके अधिकारों के लिए है। पाकिस्तान के स्वात घाटी में जन्मी मलाला ने बहुत छोटी उम्र में ही लड़कियों को स्कूल भेजने और पढ़ाई का अधिकार दिलाने के लिए आवाज़ उठानी शुरू कर दी थी. 2012 में तालिबान के हमले में गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने काम को जारी रखा. मलाला ने ‘मलाला फंड’ की स्थापना की, जिससे दुनिया भर की लड़कियों को स्कूल और अच्छी पढ़ाई मिल सके.

Malala Yousafzai and Kailash Satyarthi at the Nobel Peace Prize ceremony in Oslo Dec. 19 2014. (Photo: Wikipedia)

सबसे उम्रदराज़ नोबेल पुरस्कार विजेता 
जॉन बी. गुडइनफ, नोबेल पुरस्कार जीतने वाले सबसे उम्रदराज़ व्यक्ति हैं. उन्हें 97 साल की उम्र में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला. उन्हें यह सम्मान बैटरी और ऊर्जा बचाने वाली तकनीक में उनके काम के लिए दिया गया. उनके शोध ने लीथियम-आयन बैटरी और आधुनिक ऊर्जा उपकरणों को बनाने में मदद की, जो आज मोबाइल, इलेक्ट्रिक कार और अन्य उपकरणों में इस्तेमाल होती हैं.

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