
क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी डाइट और सपनों के बीच भी कोई रिलेशन हो सकता है? हाल ही में हुई कुछ वैज्ञानिक रिसर्च में सामने आया है कि हम जो खाते हैं, उसका असर हमारी नींद और सपनों पर पड़ता है.
रिसर्च क्या कहती है?
2007 की एक स्टडी में पाया गया कि जो लोग ऑर्गेनिक खाना खाते थे, उन्हें ज्यादा अजीब और खतरनाक सपने आते थे.
2015 की स्टडी में पाया गया कि 18% लोग मानते हैं कि उनका खाना उनके सपनों को प्रभावित करता है, जिनमें डेयरी (दूध, चीज आदि) सबसे आम कारण था.
2022 की एक स्टडी में फल और मछली खाने को lucid dreaming (सपनों में खुद को पहचानने की क्षमता) से जोड़ा गया, वहीं मीठा खाना डरावने सपनों से जुड़ा पाया गया.
इस स्टडी के नतीजे क्या रहे?
कनाडा में 1,082 छात्रों पर किए गए एक नए ऑनलाइन सर्वे में 40% लोगों ने माना कि कुछ खाने से उनकी नींद पर असर होता है. 5% ने कहा कि खाने से सपने भी प्रभावित होते हैं. खाने से जुड़ी एलर्जी वाले लोग ज्यादा मानते हैं कि खाना उनके सपनों पर असर डालता है. खास बात ये कि lactose intolerance वालों को ज्यादा बार डरावने सपने आते हैं. इसका कारण हो सकता है पेट दर्द या गैस जैसी समस्याएं, जो रात को नींद में भी असर डालती हैं.
क्या सपनों का PTSD से भी है कोई संबंध?
PTSD (Post-Traumatic Stress Disorder) से जूझ रहे लोगों को अक्सर डरावने सपने आते हैं. नई रिसर्च बताती है कि शायद डेयरी या मीठा खाना PTSD के लक्षणों को बढ़ा सकता है, इसलिए इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
ऐसे लोगों को क्या करना चाहिए?
रात में भारी, तीखा या मीठा खाना न खाएं, खासतौर पर सोने से ठीक पहले.
अगर दूध से दिक्कत होती है, तो रात में दूध या चीज से परहेज करें या लैक्टोज-फ्री विकल्प अपनाएं.
क्या किसी खास खाने के बाद आपको अजीब सपने आते हैं? अगर हां, तो कुछ समय के लिए वह खाना बंद करें और फर्क देखें.
फल, सब्जियां, फाइबर और प्रोटीन से भरपूर खाना नींद और सपनों दोनों में सुधार कर सकता है.
हर किसी का शरीर अलग तरह से काम करता है. अगर कुछ खाने के बाद आपको सपनों में अजीब अनुभव हो रहे हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें.
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