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Skyroot Aerospace Story: IIT से पढ़ाई, ISRO में नौकरी... जानिए दो इंजीनियर दोस्तों ने कैसे शुरू की देश की पहली प्राइवेट एयरोस्पेस कंपनी

स्पेस सेक्टर में काम करने वाली देश की पहली प्राइवेट स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस की स्थापना 12 जून 2018 को की गई थी. IIT से पढ़ाई कर चुके Pawan Kumar Chandana और Naga Bharat Daka ने इसकी शुरुआत की थी. दोनों ISRO में एक साथ काम कर चुके थे.

Pawan Kumar Chandana और Naga Bharat Daka ने स्काईरूट एयरोस्पेस की शुरुआत की थी (Photo/Twitter) Pawan Kumar Chandana और Naga Bharat Daka ने स्काईरूट एयरोस्पेस की शुरुआत की थी (Photo/Twitter)

स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस ने स्वदेशी विक्रम-1 रॉकेट पेश किया है. साल 2024 में इसको लॉन्च करने की तैयारी भी है. स्काईरूट एयरोस्पेस एक प्राइवेट कंपनी है. इसकी शुरुआत साल 2018 में की गई थी. उस समय भारत में अंतरिक्ष के क्षेत्र में काम करने के लिए शायद ही कोई प्राइवेट कंपनी थी. इस कंपनी को दो दोस्तों ने मिलकर शुरू किया था. चलिए आपको बताते हैं कि कैसे दोनों ने इसकी शुरुआत की थी.

साल 2018 में स्टार्टअप की शुरुआत-
साल 2018 में 12 जून को अतंरिक्ष क्षेत्र में काम करने के लिए स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस की स्थापना की गई. इसकी स्थापना दो दोस्तों पवन कुमार चंदना और नागा भरत डाका ने की थी. स्काईरूट शुरू करने के बाद सबसे बड़ी समस्या फंड जुटाने की थी. इस दौरान पवन चंदना का मुलाकात Myntra के फाउंडर मुकेश बंसल से हुई. वो Cult.fit के सीईओ थे. उन्होंने इस प्रोजेक्ट में निवेश करने में दिलचस्पी दिखाई. इसके बाद धीरे-धीरे स्काईरूट को दूसरे इनवेस्टर्स भी मिलने लगे.

पवन चंदना और नागा भरत की दोस्ती-
पवन कुमार चंदना और नागा भरत डाका ने आईआईटी से पढ़ाई की है. पवन ने आईआईटी खड़गपुर और नागा भरत ने आईआईटी मद्रास से पढ़ाई की है. साल 2012 में पढ़ाई पूरी करने के बाद दोनों को इसरो के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में काम करने का मौका मिला. इसी दौरान दोनों की मुलाकात हुई और दोनों को एक-दूसरे को जानने का मौका मिला. दोनों में दोस्तों हुई. इसके बाद दोनों एक साथ काम करने लगे और बाद में स्काईरूट एयरोस्पेस की स्थापना की.

स्काईरूट की उपलब्धियां-
कंपनी ने अगस्त 2020 में फुल स्केल लिक्विड प्रपल्शन इंजन क परीक्षण किया था. सितंबर 2020 में कंपनी ने देश का पहला 3डी-प्रिंटेड क्रायो इंजन विकसित किया था. दिसंबर 2020 में कंपनी ने सॉलिड रॉकेट स्टेज का परीक्षण किया था. 10 नवंबर 2022 को स्काईरूट एयरोस्पेस रॉकेट का सफल परीक्षण करने वाली देश की पहली निजी कंपनी बन गई.

स्काईरूट एयरोस्पेस का मुख्यालय हैदराबाद में है. जीएमआर एयरोस्पेस और इंडस्ट्रियल पार्क में स्काईरूट एयरोस्पेस का नया मुख्यालय मैक्स-क्यू 60 हजार स्क्वायर फीट में फैला हुआ है.

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